Last Updated on June 14, 2024 by admin
शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से, राज्य सरकार कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) शुरू करेगी। यह पहल “प्री-व्यावसायिक शिक्षा” के नाम से जानी जायेगी, जिसमें विषयों के रूप व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसका लक्ष्य है कि प्रारंभिक समय में ही बच्चो को व्यावसायिक शिक्षा मिल सके, जिससे वह आगे चलकर व्यावसायिक शिक्षा का बेहतर उपयोग कर सके।
वर्तमान समय में व्यावसायिक शिक्षा कक्षा 9 से 12 के पाठ्यक्रम में शामिल है, जिसे इस वर्ष से कक्षा 6 से शुरू किया जायेगा। प्री-व्यावसायिक शिक्षा छोटे बच्चों को मूल ज्ञान और व्यावसायिक परिचय प्रदान करेगी, इसकी जानकारी कैलाश पागारे, समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के राज्य परियोजना निदेशक ने दी है।
शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने प्री-व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है जबकि शिक्षक अभी प्रशिक्षण ले रहे है।
प्री-व्यावसायिक शिक्षा में भोजन विविधता, जैव विविधता, इलेक्ट्रिकल और अग्नि सुरक्षा, सर्वेक्षण करना, कचरे को अलग करना, प्राथमिक चिकित्सा और घरेलू उपचार, यातायात नियम और इसकी समझ जैसे विषयों में मूल ट्रेनिंग मॉड्यूल शामिल होंगे।
प्री-व्यावसायिक शिक्षा में नर्सरी, सरकारी अस्पताल, फायर ब्रिगेड स्टेशन, बेकरी, फैब्रिक निर्माण उद्योग, बैंक और घरेलू पशु संरक्षण केंद्र जैसी जगहों पर फ़ील्ड विज़िट भी शामिल होगा।
एसएसए की ओर से सभी 65,000 सरकार द्वारा चलाये जाने वाले स्कूल और सहायता प्राप्त विद्यालयों में ये योजना चलाई जाएगी। एसएसए सभी विद्यालयों में ‘स्किल-कॉर्नर’ बनाएगा जो छात्रों को इसकी जानकारी प्रदान करेंगे।
श्री पगारे ने कहा कि प्री-व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान के पंडित सुन्दरलाल शर्मा द्वारा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा है कि, “एससीईआरटी ने मराठी में भी पाठ्यक्रम को एडेप्ट कर लिया है।”
जबकि प्री-व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम एससीईआरटी द्वारा तैयार है, वहीं यह अध्ययन तीसरी कक्षा से ही कृषि को नियमित एकेडमिक में शामिल करने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा एक अधिकारी ने कहा है कि “महाराष्ट्र सरकार के फैसले के अनुसार स्कूली शिक्षा में कृषि को शामिल करने के लिए, एससीईआरटी ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है जो पाठ्यक्रम में कृषि संबंधित विषयों को संचालित करेगी।